राष्ट्रीय
शाहीन बाग में चलेगा MCD का बुलडोजर, कोर्ट ने प्रभावित लोगों से हाईकोर्ट जाने को कहा
विरोध के बाद अफसरों ने कहा कि फिलहाल अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई रोक दी गई है। शाहीन बाग में बुलडोजर की मौजूदगी के वक्त बने हालात बहुत ही गंभीर रहे।

देशभर में सुर्खियों में आया शाहीन बाग एक बार फिर हल्ला-हंगामे के दौर में है। वजह है MCD का बुलडोजर, क्योकि यहां अतिक्रमण विरोधी अभियान चलाया जाना था। इसके लिए MCD के बुलडोजर जैसे ही शाहीन बाग पहुंचे, हंगामा शुरू हो गया। लोगों के विरोध के बाद दोपहर करीब 12.30 बजे MCD के बुलडोजर वापस चले गए। जिसके बाद लोगों ने यहां तिरंगा लहराया। इससे पहले, पुलिस फोर्स न मिलने की वजह से सोमवार को अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू होने को लेकर संदेह बना हुआ था, लेकिन करीब 10.30 बजे दिल्ली पुलिस ने फोर्स मुहैया कराने पर रजामंदी दे दी । इसके बाद 11 बजे के लगभग MCD के बुलडोजर शाहीन बाग की मुख्य सड़क पर पहुंच गए। तो वही कार्रवाई के विरोध में लोग बुलडोजरों के सामने लेट गए। कुछ महिलाएं बुलडोजर पर चढ़ गईं। वहीं, कुछ जगहों पर लोग सड़कों पर ही धरने पर बैठ गए। हंगामा बढ़ते देख पुलिस ने लोगों को वहां से हटाया। कुछ लोगों को हिरासत में भी लिया गया। इसके बावजूद कार्रवाई का विरोध जारी रहा। विरोध के बाद अफसरों ने कहा कि फिलहाल अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई रोक दी गई है। शाहीन बाग में बुलडोजर की मौजूदगी के वक्त बने हालात बहुत ही गंभीर रहे।
दिल्ली पुलिस से फोर्स मिलने के बाद दक्षिण दिल्ली MCD ने अगले 5 दिनों तक अतिक्रमण हटाने का अभियान चलाने की तैयारी पूरी कर ली है। इसके मुताबिक, 9 मई को शाहीन बाग जी ब्लाक से जसोला नहर और कालिंदी कुंज पार्क, 10 मई को एनएफसी बोधि धर्म मंदिर नजदीक गुरुद्वारा रोड, 11 मई को मेहरचंद मार्केट, लोधी कालोनी, साईं मंदिर और जेएलएन मेट्रो स्टेशन, 12 मई को इस्कान मंदिर, धीरसेन मार्ग, कालका देवी मार्ग, 13 मई को खाड़ा कालोनी नियर कालिंदी कुंज में कार्यवाही की जाएगी।
इधर, शाहीन बाग में अतिक्रमण हटाने की मुहिम के खिलाफ कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया-मार्क्सवादी यानी CPIM ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर दी। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में यह कहते हुए दखल देने से मना कर दिया कि याचिका किसी भी प्रभावित पक्ष की बजाय एक राजनीतिक दल ने दायर की है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अदालत को इन सब के लिए मंच नहीं बनाया जाना चाहिए। कोर्ट ने अतिक्रमण हटाने की मुहिम से प्रभावित लोगों से हाईकोर्ट जाने को कहा है।
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राष्ट्रीय
SC ने खारिज की वकील की 2 हफ्ते की जेल, प्रैक्टिस पर रोक
उच्च न्यायालय की एकल पीठ ने प्रेसीडेंसी टाउन इन्सॉल्वेंसी एक्ट, 1909 की धारा 9 से 13 के तहत शुरू की गई दिवाला कार्यवाही में अदालत के समक्ष पेश होने के लिए वकील के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया था। मार्च, 31 पर जब एक पुलिस निरीक्षक वारंट को निष्पादित करने की मांग की थी,

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को मद्रास उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ दायर एक याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें एक वकील को अदालत की अवमानना के लिए दंडित किया गया था, जबकि उसे दो सप्ताह के कारावास की सजा सुनाई गई थी और साथ ही उसे एक वर्ष की अवधि के लिए अभ्यास करने से रोक दिया गया था।
न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रकुड और न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी की अवकाश पीठ ने अधिवक्ता के आचरण को “पूरी तरह से अवमानना” करार दिया और उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ उनकी अपील को अस्वीकार कर दिया।
मामले की सुनवाई करते हुए, पीठ ने कहा, “आखिरकार आप जानते हैं, न्यायाधीशों पर हमला किया जाता है। जिला न्यायपालिका में न्यायाधीशों की कोई सुरक्षा नहीं है, कभी-कभी लाठी चलाने वाला पुलिसकर्मी भी नहीं है। यह पूरे देश में हो रहा है … आप बेहूदा आरोप नहीं लगा सकते। मैंने देखा है कि देश के अन्य हिस्सों में क्या होता है और न्यायाधीशों के खिलाफ आरोप लगाने में यह फैशन का एक नया हिस्सा बन रहा है। न्यायाधीश जितना मजबूत होगा, आरोप उतने ही खराब होंगे। यह बॉम्बे में हो रहा है, उत्तर प्रदेश में और अब यहां तक कि मद्रास भी।”
शीर्ष अदालत उच्च न्यायालय की खंडपीठ के आदेश के खिलाफ एक अपील पर सुनवाई कर रही थी जिसमें अधिवक्ता पीआर आदिकेशवन को अवमानना का दोषी ठहराया गया था और उन्हें दो सप्ताह के कारावास की सजा सुनाई गई थी, साथ ही उन्हें जारी किए गए गैर-जमानती वारंट के निष्पादन में बाधा डालने के लिए एक वर्ष की अवधि के लिए अभ्यास करने से रोक दिया गया था। इसके खिलाफ उसके द्वारा।
उच्च न्यायालय की एकल पीठ ने प्रेसीडेंसी टाउन इन्सॉल्वेंसी एक्ट, 1909 की धारा 9 से 13 के तहत शुरू की गई दिवाला कार्यवाही में अदालत के समक्ष पेश होने के लिए वकील के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया था। मार्च, 31 पर जब एक पुलिस निरीक्षक वारंट को निष्पादित करने की मांग की थी, न केवल आदिकेशवन द्वारा बल्कि पचास से अधिक अधिवक्ताओं द्वारा उनका घेराव किया गया था, जिन्होंने कर्मियों को उच्च न्यायालय के आदेशों को निष्पादित करने से रोका था।
यह देखते हुए कि आदिकेशवन कार्यवाही की लंबितता से पूरी तरह अवगत थे, लेकिन जानबूझकर उच्च न्यायालय के समक्ष पेश नहीं हुए, एकल पीठ ने अधिवक्ताओं द्वारा किए गए आपराधिक अवमानना के कार्य का संज्ञान लिया।
जब खंडपीठ आदिकेशवन के खिलाफ अवमानना के मामले पर विचार कर रही थी, तो उसने एकल न्यायाधीश के खिलाफ आरोप लगाए और एक न्यायाधीश को इस मामले में गवाह के रूप में जांच करने के लिए और एक न्यायाधीश को अलग करने के लिए एक अन्य न्यायाधीश को समन जारी करने के लिए आवेदन दायर किया। मामले की सुनवाई से खंडपीठ।
खंडपीठ ने तब अपना फैसला सुनाया और आदेश की तारीख से एक वर्ष की अवधि के लिए आदिकेशवन को दो सप्ताह के साधारण कारावास और मद्रास उच्च न्यायालय में अभ्यास नहीं करने की सजा सुनाई।
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राष्ट्रीय
हेट स्पीच मामले में केरल हाईकोर्ट ने पूर्व विधायक पीसी जॉर्ज को अंतरिम जमानत दी
इससे पहले उन पर पलारीवट्टोम पुलिस ने आईपीसी 153 और 295 ए के तहत मामला दर्ज किया था। उन्होंने 8 मई को एर्नाकुलम जिले के वेन्नाला में महादेव मंदिर में एक सप्त यज्ञ कार्यक्रम के संबंध में भाषण दिया था।

केरल उच्च न्यायालय ने सोमवार को पूर्व विधायक पीसी जॉर्ज को मुसलमानों के खिलाफ कथित अभद्र भाषा के मामले में उनके खिलाफ दर्ज एक मामले में अंतरिम जमानत दे दी।
न्यायमूर्ति पी गोपीनाथ की एकल पीठ ने जमानत की शर्त रखी कि जॉर्ज को कोई विवादास्पद या सांप्रदायिक टिप्पणी नहीं करनी चाहिए।
इससे पहले उन पर पलारीवट्टोम पुलिस ने आईपीसी 153 और 295 ए के तहत मामला दर्ज किया था। उन्होंने 8 मई को एर्नाकुलम जिले के वेन्नाला में महादेव मंदिर में एक सप्त यज्ञ कार्यक्रम के संबंध में भाषण दिया था।
कुछ दिन पहले, उन्हें तिरुवनंतपुरम किला पुलिस ने अनंतपुरी हिंदू महा सम्मेलन में कथित सांप्रदायिक टिप्पणी के लिए एक अन्य मामले में गिरफ्तार किया था।
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राजनीति
राहुल गांधी की हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा से मुलाकात हुई
तो वहीं कांग्रेसी विधायक कुलदीप बिश्नोई के सवाल पर विवेक बंसल ने कहा कि वे जल्द ही साथ दिखाई देंगे, कुछ खत्म नहीं हुआ। इस बैठक के बाद हरियाणा प्रभारी विवेक बंसल ने कहा कि हरियाणा में कांग्रेस अब तीव्र गति से दौड़ती नजर आएगी

वहीं हुड्डा गुट के विधायक नीरज शर्मा ने अपने अयोध्या प्रवास के दौरान दीपेंद्र हुड्डा को हरियाणा का भावी सीएम बताया। साथ ही कहा कि हरियाणा में इनके नेतृत्व में राम राज्य चलेगा। नीरज शर्मा के बयान को लेकर भी पार्टी मीटिंग में चर्चा हो सकती है और हुड्डा विरोधी खेमा इस पर नाराजगी जता सकता है। बैठक में पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा ने कहा कि शिविर के बाद नए अध्यक्षों ने उनका धन्यवाद किया। राहुल ने कहा कि लोगों के हितों को लेकर आवाज उठाए। कांग्रेस अपने संकल्प पत्र में एमएसपी की लीगल गारंटी देगी। राज्यसभा चुनावों को लेकर हुड्डा ने कहा कि हाईकमान जो फैसला करेगा, उस पर चर्चा करेंगे। तो वहीं कांग्रेसी विधायक कुलदीप बिश्नोई के सवाल पर विवेक बंसल ने कहा कि वे जल्द ही साथ दिखाई देंगे, कुछ खत्म नहीं हुआ। इस बैठक के बाद हरियाणा प्रभारी विवेक बंसल ने कहा कि हरियाणा में कांग्रेस अब तीव्र गति से दौड़ती नजर आएगी। सामूहिक रुप से हरियाणा कांग्रेस चुनौतियों का सामना करेगी। संगठन निर्माण जल्द होगा। कांग्रेस के प्रति लोगों की निष्ठा है। हरियाणा में राज्यसभा चुनाव पर उन्होंने टिप्पणी करने से इंकार कर दिया। राहुल गांधी ने कहा कि चुनौती कठिन है। परंतु हमें मिलकर काम करना है। दरअसल हरियाण में 27 अप्रैल को नए प्रदेशाध्यक्ष और चार कार्यकारी अध्यक्षों की घोषणा की गई थी। इसके बाद से कांग्रेसी विधायक कुलदीप बिश्नोई नाराज चल रहे हैं। उन्होंने राहुल से मुलाकात के बाद ही कोई फैसला करने का निर्णय लिया था, लेकिन अभी तक राहुल गांधी के साथ उनकी मुलाकात नहीं हुई। जबकि इससे पहले पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा, हरियाणा प्रभारी विवेक बंसल और प्रदेशाध्यक्ष उदयभान की मुलाकात हो रही है। मीटिंग में कुलदीप बिश्नोई की नाराजगी पर भी चर्चा हो सकती है। उदयपुर में चिंतन शिविर के बाद हुड्डा की यह राहुल गांधी के साथ यह महत्वपूर्ण मुलाकात है। इस बैठक में कांग्रेस के हरियाणा प्रभारी विवेक बंसल, प्रदेशाध्यक्ष उदयभान, कार्यकारी अध्यक्ष जितेंद्र भारद्वाज, श्रुति चौधरी भी मौजूद रहे।
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